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Gandhiji And A Coffee Drinker

Gandhiji And A Coffee Drinker

Gandhiji And A Coffee Drinker

Hindi Explanation Of The Lesson ‘Gandhiji And A Coffee Drinker’

Gandhiji was a first ……….. sick person.

गांधीजी रोगियों के लिए प्रथम श्रेणी के परिचारक थे। उन्होंने सेवा करने का कार्य कहां से सीखा – यह एक रहस्य था। निश्चित ही सेवा करने के कार्य की शिक्षा उन्हें किसी स्कूल से नहीं मिली थी। दूसरी वस्तुओं के समान जब रोगियों की सेवा करने का कार्य उनके जीवन में आवश्यक हो गया, तब उन्होंने यह कार्य अनुभव के कठिन तरीके से सीखा था। साबरमती के आश्रम में सब रोगी उनकी देखरेख में रहते थे। निश्चय ही डॉक्टरों का परामर्श भी लिया जाता था किंतु मरीजों की देखभाल का कार्य गांधी जी स्वयं व्यक्तिगत रूप से करते थे। आश्रम के नवयुवकों में यह मजाक प्रचलित था कि यदि तुम्हें प्रतिदिन गांधी जी से मिलने की इच्छा हो और उनसे बातें करना हो तथा उन्हें मजाक करते हुए सुनना पसंद हो तो तुम्हें बीमार होकर बिस्तर में लेट ना ही काफी है। इसका कारण यह है कि प्रत्येक दिन गांधीजी रोगी के निकट आते थे प्रत्येक रोगी के बिस्तर के पास कुछ समय व्यतीत करते थे और प्रत्येक बात को स्वयं ध्यानपूर्वक देखा करते थे तथा रोगी के साथ एक-दो आनंददायक बात करने से कभी नहीं चुका करते थे। गांधीजी के लिए कोई भी दिन इतना व्यस्त नहीं था कि वे बीमार व्यक्ति के पास न आ सके।

There was once ………. the poor lad.

एक बार एक नवयुवक पेचिस से पीड़ित हो गया। उसने भरसक प्रयत्न किया कि वह आश्रम के भोजन से अपने को अभ्यस्त बनाएं लेकिन वह इस प्रयत्न में असफल रहा। वह काँफी बहुत पसंद करता था लेकिन आश्रम में उसके लिए कोई काँफी न थी और न पीने की आज्ञा थी। थोड़े दिन बाद उसको पेचिस से छुटकारा मिला और वह अब ठीक हो रहा था। गांधीजी प्रत्येक दिन उसके पास कुछ मिनट के लिए आते थे। उस पर बेचारे लड़के के लिए वह कुछ क्षण टानिक के समान थे।

He pined for a cup ………. cheering words.

वह नव युवक अच्छी काफी के एक प्याले के लिए बहुत व्याकुल था। एक दिन जब वह पीठ के बल लेटा हुआ था और काफी पीने के विषय में सपने देख रहा था, तब उसने गांधीजी की खड़ाऊं की आवाज सुनी। एक मिनट पीछे ही गांधी जी अपनी कभी न समाप्त होने वाली मुस्कुराहट और आनंदमय शब्दों के साथ वहां आए।

He looked …………… uppuma or thosai?

उन्होंने उस नवयुवक की ओर देखकर कहा, “निश्चय ही अब तुम पहले से अच्छे हो। तुम्हें भूख लग रही होगी। तुम क्या खाना चाहोगे ? कुछ अच्छी उपमा या दोसाई।”

Gandhiji evidently ……… blurted out.

गांधीजी को स्पष्ट रूप से उस नव युवक की दक्षिणी भारत के इन दो भोज्य पदार्थों के प्रति रुचि ज्ञात थी। गांधी जी हंस रहे थे। अचानक ही उस नवयुवक के मस्तिष्क में एक विचार आया। क्या मुझे एक प्यारा काफी मिल सकेगा? वह बिना सोचे विचारे कह उठा।

Gandhiji answered ………… a tray.

गांधी जी ने हंसी का ठहाका मारते हुए उत्तर दिया, आह, पुराने पापी, यह वह है जो तुम चाहते हो,और तब उस नवयुवक के चेहरे पर दृष्टि डालते हुए उन्होंने कहा, तुम्हें निश्चय ही काफी का प्याला मिल जाएगा। हां, हल्की काफी तुम्हारे पेट को आराम पहुंचाएगी, और तुम काफी के साथ क्या लोगे। हम उपमा या दोसाई तो नहीं बना सकते किंतु गर्म टोस्ट काफी के साथ ठीक रहेगा। मैं एक बड़ी थाली तुम्हारे पास भेज दूंगा।

With that ………… to him.

इतना कहकर तथा एक दयापूर्ण शब्द के साथ गांधीजी उस कमरे से चले गए। नवयुवक प्रतीक्षा करते हुए बिस्तर पर लेटा रहा। वह अपने अच्छे भाग्य पर विश्वास न कर सका । काफी और साबरमती आश्रम में! और स्वयं गांधी जी ने उसके लिए काफी भेजने का प्रस्ताव किया।

Gandhiji’s cottage ………. happened.

गांधी जी की कुटिया सड़क के पार आश्रम के दूसरे छोर पर थी। वह नवयुवक ठीक तरह से कल्पना कर सकता था कि क्या होगा। गांधी जी अपनी पत्नी कस्तूरबा के पास रसोई घर में गए होंगे और उनसे काफी और टोस्ट के लिए कह रहे होंगे किंतु यह समय उचित नहीं था। रसोई घर बंद हो गया होगा बा स्वयं आराम कर रही होगी। क्या उसने गांधी जी के समक्ष परेशानी उत्पन्न कर दी थी। लगभग 20 मिनट बीत गए। यह आवाज क्या थी? गांधीजी की खड़ाऊं की आवाज! क्या काफी बनाने का कार्यक्रम स्थगित हो गया? उसका हृदय बैठने लगा किंतु सफेद खादी के एक रुमाल से ढकी हुई एक बड़ी थाली गांधीजी ला रहे थे।वह नवयुवक आश्चर्य में पड़ गया । वास्तव में क्या घटित हुआ था?

Gandhiji was ……….. trouble.

गांधी जी कह रहे थे, लो यह तुम्हारी कॉफी और टोस्ट, पर ध्यान दो मैंने स्वयं काफी बनाई है। अब एक अच्छे दक्षिण भारतीय की तरह क्या तुम मुझे प्रमाणित करोगे कि मैं अच्छी कॉफी बना सकता हूं। परंतु, लड़के ने धीमी से कहा। आपने किसी और से मेरे लिए यह लाने के लिए क्यों नहीं कहा। मुझे बहुत अफसोस है कि मैंने आपको यह कष्ट दिया।

“Now, now” …………… he went.

गांधीजी ने कहा, अब अपनी काफी को मत खराब करो। ठंडी काफी बिल्कुल बेकार होती है। बा आराम कर रही थी और मैंने उन्हें जगाने का साहस नहीं किया, और तब उन्होंने अचानक कहा, बहुत अच्छा, अब मैं तुम्हें छोड़ कर जाऊंगा यह कहकर वो चले गए।

The coffee was ………… overwhelmed.

काफी हल्की परंतु अच्छी थी। नवयुवक उस की चुस्की लेने लगा मानो वह अमृत हो। परंतु वह परेशान था। उसने कल्पना की आंखों से गांधी जी को रसोई खोलते, स्टोप जलाते, काफी और टोस्ट बनाते तथा उसके पास लाते हुए देखा और यह सब उस असमय में दूसरों को परेशान न करने के लिए। वह अत्यधिक आनंद से भर गया।

Gandhiji And A Coffee Drinker

Important Question Answer Of The Lesson ‘Gandhiji And A Coffee Drinker’

Answer the following questions in not more than 25 words each :

Qu. 1 How did Gandhiji pick up ‘nursing’?

Ans. Gandhiji picked up nursing by the hard way of experience.

Qu. 2 What did Gandhiji arrange in personally at the Ashram?

Ans. Gandhiji arranged the care of the sick person at the Ashram.

Qu. 3 What was the joke especially amomg the young people in the Ashram?

Ans. It was a joke, especially among the young people in the Ashram, that if you wanted to see Gandhiji everyday and talked to him and hear him crack jokes, you had only to be ill and get into bed.

Qu. 4 What was Gandhiji’s daily routine at the Ashram?

Ans. Gandhiji visited the sick everyday and spent a few minutes at every bad side. He also saw the things carefully and never failed to crack a joke or two with the patient.

Qu. 5 What was the young lad fond of? Why did he not get his favourite drink in the Ashram?

Ans. The young lad was fond of coffee. He did not get his favourite drink in the Ashram because it was not allowed there.

Qu. 6 What was the young lad dreaming of one day on his back?

Ans. One day the lad was lying on his back dreaming for a cup of good coffee.

Qu. 7 The youngest had a sudden ‘brain-wave’. What does the word brain-wave mean here?

Ans. The word brain-wave means a thought in mind that appears suddenly.

Qu. 8 What did the boy imagine, lying on his bed?

Ans. The boy imagined, lying on his bed that Gandhiji would go to Ba in her kitchen and ask for coffee and toast for him.

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