Class 11 Short Story – Pen Pal
Pen Pal
-: Hindi Explanation of the story ‘Pen Pal’ :-
How often small beginnings grow into great experiences ! This truth was revealed to me in a lesson of life that took 20 years to unfold.
कैसे प्रायः छोटी-छोटी शुरुआत बड़े-बड़े अनुभव में बदल जाती है ! यह सच्चाई मुझे जीवन के एक सबक में पता चला जिसको समझने में 20 वर्ष लग गए।
It began one morning when I, a 21 year old college student, came across a page in a popular Bombay magazine that printed addresses of young people from all over the world who sought pen pals in India. I had seen boys and girls of my own class receiving fat airmail envelopes from unseen folks. it was the rage of the day. Why should not I also try ?
इसकी शुरूआत एक सुबह से हुई जब मैं एक 21 वर्ष का कॉलेज का विद्यार्थी था, अचानक एक लोकप्रिय बॉम्बे पत्रिका के पेज को देखा जिसमें कि पूरे संसार से युवा लोगों के पत्ते को छापा गया था जो कि भारत में पत्र मित्र की तलाश में थे। मैंने अपने स्वयं के कक्षा के लड़के तथा लड़कियों को बगैर देखे हुए लोगों से मोटे मोटे हवाई डाक के लिफाफे को प्राप्त करते हुए देख चुका था। यह उन दिनों का फैशन था। मुझे भी क्यों नहीं प्रयास करना चाहिए?
So I picked out the address of one Alice H. in Los Angeles and bought an expensive writing pad. A girl from my class had once given me a clue to a woman’s heart when she confessed that see loved reading letters on pink sheets. Yes, I too, must address Alice on a pink sheet.
इसलिए मैंने लॉस एंजेल्स में किसी Alice H. का पता छटा और एक महंगा लिखाई वाला पैड खरीदा। एक बार मेरे कक्षा की एक बालिका ने महिला के हृदय के बारे में एक संकेत दिया जब उसने स्वीकार कर लिया कि उसे गुलाबी कागजों पर पत्रों को पढ़ना पसंद था। हां, मुझे भी Alice को गुलाबी कागज पर पत्र अवश्य लिखना चाहिए।
“Dear pen Pal” I began, as nervous as a school boy taking his very first exam. There was not much to say and the pen moved very slowly when it did at all. Dropping the letter into the postbox I felt as if I were facing the enemy’s bullet.
एक स्कूली बच्चे की तरह घबराया हुआ जो कि अपनी पहली परीक्षा दे रहा होता है मैंने शुरू किया “प्रिय पत्र मित्र”। कहने को चाहता था नहीं और पेन बहुत धीरे धीरे चलता था जब मैंने इसे पूरा कर लिया। कुछ पत्र को पत्र पेटिका में गिराते समय मैं महसूस किया मानो में किसी शत्रु के गोली का सामना कर रहा था।
The reply from faraway California came sooner than I expected. “I wonder how my address got into the pen pal column in your country, more so because I have not ask for a friend”, Alice wrote. “But it’s so nice hearing from somebody unseen and unheard of. Anyway you want me as a pen pal – and here I am. “
सुदूर कैलिफोर्निया से उत्तर मेरी आशा की अपेक्षा अधिक जल्दी आ गया। एलिस ने लिखा, मुझे आश्चर्य है कि कैसे मेरा पता आपके देश में पत्र मित्रों के सूची में शामिल हो गया क्योंकि मैंने कभी भी एक मित्र के लिए नहीं कहा है। लेकिन बगैर देखे हुए और बगैर सुने हुए किसी व्यक्ति से सुनना अच्छा होता है। फिर भी आप मुझे एक पत्र मित्र के रुप में चाहते हैं और मैं यहां तैयार हूं।
I don’t know how many times I read that short note. It had all the music of life, and I felt I was in Seventh Heaven !
मैं नहीं जानता हूं कि मैंने उस छोटे से नोट को कितनी बार पड़ा इसमें जीवन का पूरा संगीत समाया हुआ था और मैं महसूस कर रहा था कि मैं सातवें आसमान में था।
I was careful in my correspondence, and wrote nothing that might upset an unknown American girl. English came naturally to Alice, whereas for me it was a foreign language, acquired with great pain. I was very sentimental, even shy, in my words and phrases, but hiden somewhere in the corner of my heart was a sense of romance that I dared not express. Alice wrote long letters in her balanced longhand, yet revealed little of herself.
मैं अपने पत्र व्यवहार में सतर्क रहता था और कुछ भी ऐसा नहीं लिखता था जो कि एक अनजान अमेरिकन लड़की को दुखी कर सके। अंग्रेजी भाषा एलिस को स्वाभाविक रूप से आती थी वही मेरे लिए एक विदेशी भाषा थी जिसे अत्यधिक कष्ट से प्राप्त किया गया था। मैं अपने शब्दों तथा वाक्यांशों में बहुत भावुक और प्रायः शर्मिला था लेकिन मेरे हृदय के कोने में कहीं पर प्रेम का भाव छिपा हुआ था जिसे मैंने प्रकट करने का साहस नहीं किया। एलिस सपने संतुलित हाथों से लंबे-लंबे पत्रों को लिखा करती थी लेकिन फिर भी अपने आप के बारे में थोड़ा ही प्रकट करती थी।
Big envelopes containing books and magazines, as well as small keepsakes, came my way across thousands of miles. I had no doubt that Alice was an affluent American, and that she was as beautiful as her gracious gifts – and that our friendship was a success.
किताबों, पत्रिकाओं साथ ही साथ छोटी-छोटी यादगार की चीजों को रखे हुए बड़े-बड़े लिफाफे हजारों मिल पार करके मेरे दरवाजे तक आते थे। मुझ में कोई संदेह नहीं था कि एलिस एक धनी अमेरिकन महिला थी और इसमें भी संदेह नहीं था कि वह अपनी सुंदर उपहारों की तरह सुंदर थी और इस बात पर भी संदेह नहीं था कि हमारी दोस्ती सफल थी।
However, one question kept hammering at my brain. It would be impolite to ask a girl her age, but where’s the harm if I asked for her picture ? So I wrote the request and at last came the reply. Alice said simply that she had no pictures just then, but that she might send me one some day. She added that “an average American girl” was more chic than she.
फिर भी एक प्रश्न मेरे मस्तिष्क ए को परेशान कर रहा था एक बालिका से उसकी उम्र को पूछना असभ्य होगा लेकिन यदि मैं उसके फोटो के लिए पूछ लूं तो इसमें कहां हानि है। इसलिए मैंने उस अनुरोध को लिखा और अंत में उत्तर आ गया । एलिस ने इस साधारणतया कहा कि ठीक तब उसके पास कोई तस्वीर नहीं था लेकिन वह किसी दिन मेरे पास उसे भेज देगी। उसने यह भी जोड़ दिया कि औसतन एक अमेरिकन लड़की भारतीय लड़कियों की अपेक्षा अधिक सुंदर होती हैं।
Was this a game of hide-and-seek ? Oh, these feminine wiles !
क्या यह एक लुकाछिपी का खेल था? ओह यह स्त्री जाति की चालें।
Years rolled by. My correspondence with Alice became less exciting, more irregular but not extinct. I kept sending “get well” messages whenever she fell ill, Christmas cards and, in my own humble way, random gifts. Meanwhile, I become a man of the world, grew older, got a job, a wife and children. I showed Alice’s letters to my wife. The thought of meeting Alice was always there for me, and for my family, too.
वर्ष गुजरते गए, एलिस के साथ मेरा पत्र व्यवहार कम रुचिकर, अधिक अनियमित हो गया लेकिन विलुप्त नहीं हुआ अर्थात बंद नहीं हुआ। मैं उसे शुभकामना के संदेशों, क्रिसमस कार्डो और अपने विनम्र तरीके से दुर्लभ उपहारों को को भेजना जारी रखा जब कभी वह बीमार पड़ती थी। इसी बीच में दुनियादारी वाला एक व्यक्ति बन गया, आयु और बढ़ गई, एक नौकरी प्राप्त कर लिया, पत्नी तथा बच्चों वाला हो गया। मैंने एलिस के पत्रों को अपनी पत्नी को दिखाया। एलिस से मिलने का विचार सदा ही मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए भी था।
Then, one day I received a large packet that bore new, unmistakably feminine handwriting. It came by airmail from the dear old America from the hometown of Alice. Who was this new pen friend, I wondered as I unwrapped the package.
तब एक दिन मैंने एक बड़े पैकेट को प्राप्त किया जो कि नया था स्पष्ट रूप से स्त्री जाति की लिखावट थी। यह हवाई डाक के द्वारा प्रिय अमेरिका से एलिस की घर के नगर से आया था। यह नहीं पत्र मित्र कौन थी? मैंने आश्चर्य प्रकट किया जो ही मैंने उस पैकेज को खोलो।
It contained a few magazines and a short note. “As a close friend of Alice H., whom you knew so well, I am sorry to inform you that she died in a car accident last Sunday, while returning home from church with a few purchases. Being very old – she was 78 last April – she could not see the fast speeding car. Alice would often tell me how happy she was hearing from you. A lone bird, helping others was a passion to her, both seen and unseen, far and near.
यह कुछ पत्रिकाओं तथा एक छोटे से नोट को रखा हुआ था। जैसा कि एलिस एच के एक निकट मित्र के रुप में जिसको कि आप बहुत अच्छी तरह जानते थे मैं आपको सूचित करते हुए दुखी हूं की एक कार दुर्घटना में पिछले रविवार को उसकी मृत्यु हो गई जब वह चर्च से कुछ खरीददारी करके घर लौट रही थी। बहुत दिन होते हुए वह तेज रफ्तार वाले कार को ना देख सके पिछले अप्रैल महीने में 78 साल की थी। एलिस मुझे प्लाया बताया करती थी वह आप से बातें कर कर कितना प्रसन्न थी। एक अकेली पक्षी जो कि देखे बगैर देखे दूर तथा निकट दोनों लोगों की मदद करना उसकी अभिलाषा थी।
The writer concluded with the request that I accept the in enclosed photograph of Alice, who had wanted it sent to me only after her death.
लेखिका इस अनुरोध से समाप्त की कीमत एलिस के संलग्न फोटोग्राफ को स्वीकार करूं जो कि इसे मेरे पास केवल अपनी मृत्यु के बाद ही भेजना चाहती थी।
It is a face of beauty and compassion ; it is a face I would have cherished even when I was a shy college boy and she was already old.
यह सुंदरता तथा करुणा का एक चेहरा है यह एक ऐसा चेहरा है जिसको कि मैंने प्रायः स्नेह किया जब मैं एक शर्मिला कॉलेज का विद्यार्थी था और वह पहले से ही वृध्द थी।
Important question answer of the lesson ‘Pen Pal’
Qu. 1 Who was the pen pal of the author and where did she live ?
Ans. An American woman Alice H. was the author’s pen pal. She lived in Los Angeles in Colifornia.
Qu. 2 Why was the author so keen to have a pen pal ?
Ans. The author was so keen to have a pen pal because it was the fashion of his time. Many boys and girls of his own class had pen pals in foreign countries. They used to receive letters and gifts from their pen friends.
Qu. 3 What did he feel when he wrote and posted his first letter to Alice ?
Ans. When he wrote his first letter to Alice, he felt nervous. He did not know what to write and how to write. When he dropped the letter in the postbox, he felt as if he was facing the bullet of his enemy.
Qu. 4 What was the effect of Alice’s first letter on the author ?
Ans. On receiving Alice’ s first letter the author went on reading it many times. The letter give him all the joy and happiness of life. He felt as much happy as if he were in Seventh Heaven.
Qu. 5 Why did Alice not send a picture immediately ?
Ans. Alice did not send her picture immediately because she did not want to disappoint the young author by disclosing the fact that she was an old lady.