The Portrait of a Lady Hindi Explanation
The Portrait of a Lady – (Khushwant Singh)
Hindi Explanation of ‘The Portrait of a Lady’
1. My grandmother ……….. used to tell us.
मेरी दादी भी हर किसी की दादी की तरह, एक बूढ़ी महिला थी। 20 वर्ष में जब से मैंने उन्हें देखा था वह बूढ़ी तथा झुर्रियों से भरी हुई थी। लोग कहते थे कि वह कभी युवती तथा सुंदर थी तथा उनका पति भी था, लेकिन इस पर विश्वास करना मुश्किल था। मेरे दादा का चित्र अंगीठी के ऊपर बैठक में लटका हुआ था। उन्होंने पगड़ी बांधी हुई थी तथा ढीले कपड़े पहने हुए थे। उनकी सफेद लंबी दाढ़ी से उनकी छाती का अधिकतर भाग ढका हुआ था तथा वे कम से कम 100 वर्ष के दिखाई देते थे। वे ऐसे नहीं लगते थे जिनकी पत्नी तथा बच्चे हो। वे तो ऐसे लगते थे जिनके केवल बहुत से पोते, पोतिया हो। जहां तक मेरी दादी के जवान तरह सुंदर होने की बात है, वह घृणात्मक विचार की थी। वे हमें बताती थी कि बचपन में वे क्या खेल खेलती थी। उनके लिए ऐसा करना मूर्खता व अपमानजनक प्रतीत होता था तथा हम उन्हें ऐसा ही मानते थे जैसा वे हमें धर्म गुरुओं के विषय में कथाएं सुनाती थी।
2. She had always ………….. contentment.
वे सदैव छोटी, मोटी तथा थोड़ी सी झुकी हुई थी। उनके चेहरे पर झुर्रियां पड़ी हुई थी जो एक दूसरे को काटती हुई कहीं से कहीं जाती थी। हम विश्वास करते थे कि हमने जब से उन्हें देखा है वह सदैव से ऐसी ही थी। वह बूढ़ी थी, वह इतनी बूढी़ थी कि और बूढ़ी नहीं हो सकती थी, तथा 20 वर्ष से उसी उम्र पर रूक गयी थी। वह कभी सुंदर नहीं हो सकी होंगी, लेकिन वह सुंदर थी। वे घर में बेदाग सफेद कपड़े पहनकर लंगड़ा कर चलती थी, अपने कूबड़ का संतुलन बनाए रखने के लिए अपना एक हाथ कमर पर रखती थी व दूसरे हाथ से माला फेरा करती थी। उनके चांदी जैसे बाल, उनके पीले, झुर्रियों वाले चेहरे पर बेढंग तरीके से फैले रहते थे, व उनके होंठ निरंतर चुपचाप प्रार्थना करने में हिलते रहते थे। हां वे सुंदर थी। वे शीतकाल में पहाड़ी भू दृश्य सी थी, स्वच्छ श्वेत शांत फैला हुआ क्षेत्र जहां शांति तथा संतोष का वातावरण था।
3. My grandmother …………. village dogs.
मेरी दादी और मैं अच्छे मित्र थे। जब मेरे माता-पिता शहर में रहने के लिए चले गए तो वह मुझे उनके पास छोड़ गए, तथा हम सदैव साथ रहते थे। वे मुझे सवेरे उठाती थी तथा स्कूल के लिए तैयार करती थी। जब वे मुझे स्नान कराती थी तथा कपड़े पहनाती थी तो अपनी प्रार्थना नीरस तरीके से गाया करती थी। इस आशा के साथ की सुनकर मुझे भी याद हो जाएगी। मैं सुनता तो इसीलिए था कि मुझे उनका स्वर अच्छा लगता था, लेकिन मैंने याद करने की चिंता नहीं की। फिर वे मेरी लकड़ी की तख्ती जिसे उन्होंने पहले ही मुल्तानी मिट्टी से पोता हुआ था, एक छोटी सी मिट्टी के दवात तथा सरकंडे की कलम लाती थी, तथा उन्हें बस्ते में बांधकर मुझे पकड़ा दिया करती थी। फिर हम एक मक्खन तथा शक्कर लगी हुई मोटी, बासी रोटी का नाश्ता करके स्कूल जाते थे। वे अपने साथ गांव के कुत्तों के लिए अनेक चपातियां ले जाती थी।
4. My grandmother always ………… threw to them.
मेरी दादी सदैव मेरे साथ स्कूल जाती थी क्योंकि स्कूल मंदिर के साथ ही था। पुजारी हमें वर्णमाला तथा प्रातः कालीन प्रार्थना सिखाते थे। जब बच्चे बरामदे में दोनों ओर बैठे मिलकर वर्णमाला तथा प्रार्थना गाते थे, मेरी दादी अंदर बैठकर धार्मिक पुस्तकों का पाठ करती थी। जब हम दोनों अपना काम पूरा कर चुके होते थे, तो हम दोनों घर की ओर चल देते थे। गांव के कुत्ते हमें मंदिर के द्वार पर मिलते थे। हम जिन चपातीयों को उनके पास डालते थे वे उनके लिए लड़ते हुए गुर्राते हुए हमारे पीछे पीछे आते थे।
5. When my parents ………. our city house.
जब मेरे माता-पिता आराम से शहर में बस गए तो उन्होंने हमें बुला लिया। हमारी मित्रता में यहां एक मोड़ आया। यद्यपि हम एक ही कमरे में रहते थे, फिर भी मेरी दादी मेरे साथ स्कूल नहीं जाती थी। मैं बस द्वारा अंग्रेजी स्कूल में जाता था। गली में कुत्ते नहीं थे तथा उन्होंने घर के आंगन में चिड़ियों को खिलाना शुरू कर दिया था।
6. As the years ………………. me after that.
ज्यों ज्यों साल बीतते गए हम एक दूसरे से कम मिलते थे। वे कुछ समय तक तो मुझे जगाती रही तथा स्कूल के लिए तैयार करती रही। जब मैं वापस आता तो वह मुझसे पूछती थी कि अध्यापक ने मुझे क्या पढ़ाया है। मैं उन्हें अंग्रेजी के शब्द तथा पश्चिमी विज्ञान – ज्ञान के बारे में – गुरुत्व का नियम, आर्कमिडीज का सिद्धांत तथा पृथ्वी के गोल होने की बातें बताता था। इससे वे दुखी हो जाती थी। वे मेरे पाठों में सहायता नहीं कर सकते थी। मुझे अंग्रेजी स्कूल में जो बातें वे पढ़ाते थे वह उन पर विश्वास नहीं करती थी। तथा वह इस बात पर दुखी होती थी कि ईश्वर तथा धार्मिक ग्रंथों के विषय में कुछ नहीं बताया जाता था। एक दिन मैंने आकर बताया कि हमें संगीत सिखाया जा रहा है। वे बहुत परेशान हो गई उनके अनुसार संगीत का संबंध अशोभनीय चीजों से है। यह भिखारियों तथा वेश्याओं का एकाधिकार है तथा भले लोगों से इसका कोई मतलब नहीं है। वह बोली तो कुछ नहीं लेकिन उनके चुप रहने का अर्थ नाराजगी था। उसके बाद भी मुझसे कभी कभी बोलती थी।
7. When I went ……………. day for her.
जब मैं विश्वविद्यालय में गया, तुम मुझे अलग से कमरा मिला। हमारी सांझी कड़ी टूट गई थी। मेरी दादी ने अपना एकांतवास शांत भाव से स्वीकार किया। वे किसी से बात करने के लिए चरखा नहीं छोड़ती थी।सूर्योदय से सूर्यास्त तक चरखे पर बैठी हुई भजन गाती थी। वह थोड़ा आराम करने के लिए तीसरे पहर चिड़ियों को दाना डालने के लिए चरखे से उठती थी। जब वे बरामदे में बैठकर रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े करती थी तो सैकड़ों छोटी छोटी चिड़िया उनके चारों ओर इकट्ठा हो जाती थी तथा ची-ची करके पागल बना देती थी। कुछ आकर उनकी टांगों पर, दूसरी कुछ उनके कंधों पर बैठ जाती थी। कुछ उनके सिर पर भी बैठ जाती थी। वह मुस्कुराती रहती थी लेकिन उन्हें कभी भी भगाती नहीं थी। यह आधा घंटा उनके लिए पूरे दिन में सबसे अधिक खुशी का समय होता था।
8. When I decided ………… between us.
जब मैंने आगे पढ़ाई के लिए विदेश जाने का निश्चय किया, मुझे विश्वास था कि मेरी दादी बेचैन हो जाएंगी। मुझे पांच वर्ष दूर रहना था तथा कोई भी उनकी आयु के बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था। लेकिन मेरी दादी को तो विश्वास था। वे भावुक भी नहीं हुई, वे मुझे रेलवे स्टेशन पर छोड़ने आई लेकिन न वह बोली और न ही कोई भावना दिखाई। उनके होंठ प्रार्थना करते हुए हिलते रहे उनका मस्तिष्क प्रार्थना में खोया हुआ था उनकी उंगलियां अपनी माला फेरने में व्यस्त थी। उन्होंने चुपचाप मेरा माथा चूमा तथा जब मैं चला तो मैंने उस गीली छाप को अपने शारीरिक संपर्क की अंतिम मूल्यवान निशानी समझ कर उसे अपने मन में संभाले रखा।
9. But that was …………….. frivolous rebukes.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं 5 वर्ष बाद घर वापस आया तथा उन्हें स्टेशन पर मिला। वह 1 दिन भी अधिक बूढ़ी नहीं लगती थी। अब भी शब्दों के लिए उनके पास समय नहीं था। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया तथा मैंने उन्हें प्रार्थना गाते हुए सुना। मेरे वापस आने के पहले दिन भी उनका सबसे अधिक खुशी का समय चिड़ियों के साथ बिता। जिन्हें वे पहले से अधिक देर तक खिलाती रही तथा हंसी से फटकारती रहीं।
10. In the evening …………….. not pray.
शाम के समय उनमें परिवर्तन हुआ। उन्होंने प्रार्थना नहीं की। उन्होंने पड़ोस की महिलाओं को इकट्ठा किया तथा एक पुरानी ढोलक लेकर गाना शुरू किया। वे कई घंटों तक उस ढीली ढाली ढोलक को बजाती रहीं तथा वीरों के घर वापस आने के गीत गाती रही। हमें उन्हें अधिक जोर नहीं मारने के लिए राजी करना पड़ा। यह पहला अवसर था जब से मैंने उन्हें देखा कि उन्होंने प्रार्थना नहीं की थी।
11. The next morning …………… talking to us.
अगली प्रातः में बीमार हो गई। बुखार हल्का था तथा डॉक्टर ने हमें बताया कि उतर जाएगा। लेकिन मेरी दादी का विचार भिन्न था। उन्होंने हमें बताया कि उनका अंत निकट है। उन्होंने कहा कि चूंकि वे अपने अंतिम समय के कुछ घंटे प्रार्थना करना भूल गई थी; उनके पास हमसे बातों में समय नष्ट करने की फुर्सत नहीं थी।
12. We protested ……………….. she was dead.
हमने विरोध किया। लेकिन उन्होंने हमारे विरोध पर ध्यान नहीं दिया। वे शांतिपूर्वक बिस्तर पर लेटी हुए प्रार्थना कर रही थी तथा माला फेर रही थी।इससे पहले कि हम संदेह करते उनके होंठ हिलने बंद हो गए तथा माला उनकी निर्जीव उंगलियों से गिर गई। उनके चेहरे पर शांत पीलापन फैल गया तथा हम जान गए कि वे मर चुकी थी।
13. We lifted her ………….. into the dustbin.
हमने रीति रिवाज के अनुसार उन्हें बिस्तर से उठाकर फर्श पर लिटा दिया तथा उन पर लाल कफन उड़ा दिया। कुछ घंटे दुख मनाने के बाद हम उन्हें छोड़कर अर्थी की व्यवस्था करने चले गए। सायंकाल हम दाह संस्कार के लिए अर्थी लेकर उनके कमरे में गए। सूर्य छिप रहा था तथा उनके कमरे और बरामदे में सुनहरी रोशनी की चमक फैली हुई थी। हम आंगन के बीच में ही रुके। पूरे बरामदे में तथा उनके कमरे में जहां वे कफ़न में लिपटी पड़ी हुई थी। हजारों चिड़िया बिखरी हुई बैठी थी। चीं – चीं नहीं कर रही थी। हमें पक्षियों पर दया आई तथा मेरी मां उनके लिए कुछ रोटी लेकर आई। उन्होंने जैसे मेरी दादी किया करती थी रोटी के टुकड़े टुकड़े करके उनके पास फेकी। चिड़ियों ने रोटी की ओर ध्यान नहीं दिया। जब हम अपनी दादी के मृत शरीर को लेकर चले, वे चुपचाप उड़ गई। अगले दिन सफाई वालों ने रोटी के टुकड़े झाड़ू से इकट्ठा करके कूड़ेदान में डाल दिए।